मुड़के देखा बीते लम्हों को तो लौट आई कितनी यादें गम में मुस्कुराते लब खुशियों में भीगती आँखें कुछ ज़िम्मेदार होते कंधे कुछ नादान सी चाहतें बदलती ज़िन्दगी की चौखट पर अपने कदमो की आहटें कभी उलझे हुए सवाल कभी सुलझी हुई स...