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Showing posts from July, 2025

इतनी आवाज़ों में, आवाज़ अपनी पहचान लेना

इतनी आवाज़ों में, आवाज़ अपनी पहचान लेना उनके पैमानों में तुम, खुद को न नाप लेना दुनिया की चकाचौंध में खोए हैं कई यहां दूर की नज़र से पहले, पास की जांच लेना  बाहर देखते-देखते, बाहरी ना बन जाना अपने गांव के लिए, शहरी मत बन जाना माँ-बाप के सलीके ,करने लगें जो शर्मिंदा झूठे बनने लगे हो, तुम ये जान लेना मॉडर्न होने का मतलब ख्यालों से है कपड़ों से ज़्यादा किताबों से है जो बनना है बनो, राह बस ऐसी चुन्ना जो नजरों को झुकाए,कभी न पड़े चलना कोई आगे है ,इसका मतलब तुम पीछे नहीं कोई हारे तो ही बस तुम जीते नहीं ये खेल तुम्हारा, तुमसे ही है जिंदगी की सच्चाइ, ये बस जान लेना